नई दिल्ली। बॉलिवुड की चकाचौंध भरी जिंदगी को देखकर हम सभी को यही लगता है कि इन सितारों की जिंदगी में गम और अवसाद का तो नाम ही नहीं होगा पर यह गलत है। कई बार इस सपनों की दुनियां में रहने वाले सितारों की कहानी जमीन पर पड़े सूखे पत्ते की तरह होती है बिलकुल तन्हां, ठीक किसी दर्द भरी कहानी की तरह। कुछ समय पहले परवीन बॉबी की लाश उनके घर से बरामद हुई थी जो अपने समय की सबसे सफल हिरोइनों में से एक मानी जाती थीं लेकिन उम्र के ढलाव पर अकेलापन और पैसे की तंगी की वजह से दुनियां ने उनसे मुंह मोड़ लिया था. परवीन बॉबी तो मात्र एक उदाहरण हैं ऐसे और कई सितारे हैं जिन्होंने बॉलिवुड को बहुत कुछ दिया पर बाद में बॉलिवुड ने उन्हें भुला दिया।
ताजा मामला आया है अभिनेता राज किरण का। दो दशक तक बॉलीवुड में सफल अभिनेता के रूप में पहचाने जाने वाले इस अभिनेता ने कागज की नाव, घर हो तो ऐसा, घर एक मंदिर, कर्ज, वारिस और अर्थ जैसी कई लोकप्रिय फिल्मों में काम किया है। कर्ज में साथ-साथ काम करने वाले राज किरण और ऋषि कपूर अच्छे दोस्त माने जाते हैं। राज पिछले काफी समय से लापता थे और इस चीज को लेकर ऋषि कपूर काफी परेशान थे। उसके बाद ऋषि कपूर ने अपने दोस्त को खोजने की ठान ली। एक फिल्म की शूटिंग के लिए अमेरिका गए ऋषि कपूर ने वहां राज किरण के भाई गोविंद मेहतानी से मुलाकात की।
उन्होंने पूछा कि राज अचानक कहां गायब हो गए? कर्ज, अर्थ और वारिस जैसी फिल्मों में सशक्त अभिनय करने वाले अभिनेता राज किरण पिछले एक दशक से लापता बताए जा रहे थे। कइयों का तो यह भी कहना था कि वह मर चुके हैं पर राज किरण को उनके दोस्त ऋषि कपूर ने खोज निकाला था । बॉलीवुड में 70 और 80 के दशक के मशहूर अभिनेता राज किरण इन एक समय में अमेरिका के एक पागलखाने में भी रहे थे। अभिनेता राज किरण फिल्मों में वापस आते हैं या नहीं यह तो बाद की बात है पहले तो यह कि आखिर इतने अच्छे अभिनेता का पागलखाने में होना किस बात को दर्शाता है? क्या बॉलिवुड की रंगीन दुनियां से परे इन सितारों की दुनिया इतनी बेरंग और बेरहम है?
सवाल तो कई हैं पर बॉलिवुड के लिए एक अच्छी खबर भी है कि यहां पर्दे पर जो दोस्ती दिखाई जाती है उसका कुछ पाठ सितारे जरूर सीखते हैं तभी तो ऋषि कपूर ने अपने पुराने दोस्त को ढूंढ़कर उसकी मदद करने का फैसला किया और इस काम में सुभाष घई और महेश भट्ट जैसे लोग भी सामने आए थे। मेहतानी ने ऋषि को बताया कि राज किरण की दिमागी हालत ठीक न होने की वजह से वह अटलांटा के मेंटल हॉस्पिटल में हैं। बताया जाता है कि राज की पत्नी और बेटा उन्हें छोड़कर चले गए और वह इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए।
पारिवारिक जीवन में आए दूसरे संकटों की वजह से भी राज अवसाद से घिर गए। परिवार के बाकी सदस्यों ने भी राज की देखभाल नहीं की, शायद इसकी वजह उनका इलाज महंगा होना था। ऋषि ने कहा, यह काफी हृदय विदारक है। लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि वह जिंदा। उनके जीवित होने की खबरों के बीच फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें वापस लाने की बातें कही जा रही हैं। निर्देशक सुभाष घई और महेश भट्ट ने कहा कि वह राज किरण को वापस लाने की कोशिश का हिस्सा बनने में खुशी महसूस करेंगे।