Thank God Review: दिवाली के मौके पर एक ओर जहां अक्षय कुमार की फिल्म रामसेतू रिलीज हुई वहीं दूसरी ओर अजय देवगन की फिल्म थैंकगॉड रिलीज हुई। थैंकगॉड में पाप और पुण्य से लेखा-जोखा करते देवताओं के लेखपाल चित्रगुप्त को दिखाया गया है। यें फ़िल्म कब आपको हंसाते-हंसाते दिल छू जाने वाले संदेश दे जायेगा, कि आपको एहसास ही नहीं होगा।
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फिल्म की कहानी-
फिल्म की कहानी मुंबई के रहने वाले अयान कपूर (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की है जो बचपन से ही पुलिस ऑफिसर बनना चाहते थे पर बन गए रियल इस्टेट एजेंट। अयान की बीवी रूही कपूर (रकुलप्रीत सिंह) एक सक्सेसफुल पुलिस ऑफिसर हैं और दोनों की एक छोटी बेटी होती है। अयान की ज़िंदगी अच्छे से चल रही थी पर अचानक डिमोनेटिज़ेशन वजह से अयान की ज़िंदगी बदल जाती है और पैसों की चाह में अयान को लोन लेना पड़ जाता है । अयान को अपना घर बेचने तक की नौबत आ जाती है। रूही फिर भी अपने पति का साथ देती है और बच्ची को भी संभालती है। घर बेचने के चक्कर में अयान अपने ही घरवालों को भूल जाता है, ऐसे में परेशान अयान की अचानक से कार एक्सीडेंट हो जाता हैं। जिसके बाद वोट स्वर्ग पहुंचते है जहां उनकी मुलाक़ात सी.जी. यानि की चित्रगुप्त भगवान (अजय देवगन) से होती है।
अभिनय-
सिद्धार्थ मल्होत्रा अपने किरदार में पूरी तरह से फिट हैं। उन्होंने एक गुस्से वाले पत्नी से जलने वाले और अजब हालात में फंसे शख्स के किरदार को बखूबी निभाया है। वो बहुत हैंडसम भी लग रहे हैं। चित्रगुप्त के किरदार में अजय देवगन तो फिल्म की जान बन गए हैं। उनके आते ही फिल्म में माहौल जम गया है। वहीं रकुलप्रीत सिंह की बात करें तो भले ही फिल्म में उनका रोल कम है लेकिन उन्होंने बहुत अच्छे से अपना किरदार निभाया है।
फिल्म को इस तरह से लिखा गया है जिसमें कॉमेडी और इमोशन का राइट बैलेंस हो, और फिर कुछ सीखने को भी मिले। फर्स्ट हॉफ़ में कॉमेडी पंचेज़ है और सेकेंड हॉफ़ में इमोशन…. जहां थोड़ी कॉमेडी की कमी है। कुल मिलाकर ये फिल्म आपको निराश नहीं करती…आप इसे फैमिली के साथ देख सकते हैं..एंटरटेन जरूर होंगे।