Saturday, July 27, 2024
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ऋतिक रोशन की इस फिल्म की शूटिंग में मच गया था बवाल

मुंबई। ऋतिक रोशन की गजब की फैन फॉलोइंग है। ऋतिक रोशन ने एक्टिंग धांसू एक्टिंग से लग पहचान बनाई है। ग्रीक एक्टर के रुप में फेमस ऋतिक रोशन ने ‘मोहेंजो दारो’ फिल्म में गजब की परफॉर्मेंस दी थी। 12 अगस्त 2016 को रिलीज हुई ये फिल्म ऋतिक की यादगार फिल्मों में से एक है। इस फिल्म को रिलीज हुए 5 साल हो गए हैं लेकिन दर्शकों के दिलो दिमाग में आज भी कई सीन तरोताजा है।

ऋतिक रोशन के अलावा इस फिल्म में कबीर बेदी, पूजा हेगड़े, अरुणोदय सिंह ने भी शानदार काम किया था। इस फिल्म का संगीत सिनेमाघर में सम्मोहन क्रिएट करने में कामयाब रहा था। फिल्म के गानों को जावेद अख्तर ने लिखा और संगीत ए आर रहमान ने दिया था। आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में कई एक्सपेरिमेंट किए गए थे। सिंधु घाटी सिविलाइजेशन को दिखाने के लिए आर्कियोलॉजिस्ट के साथ कई दौर की मीटिंग की। इसके अलावा आशुतोष को कई बार विवादों का सामना भी करना पड़ा था।

2015 में जब फिल्म की शूटिंग चल रही थी तो उस वक्त काफी विवाद भी हुआ था। जबलपुर के भेड़ाघाट में नर्मदा नदी का तट हूबहू सिंधु नदी जैसा बनाया गया। ऋतिक रोशन और मगरमच्छों के साथ फाइटिंग सीन को फिल्माते समय आशुतोष पर नर्मदा नदी को प्रदूषित करने का आरोप लगा था। दरअसल, फिल्म के स्क्रीन पर ऋतिक को मगरमच्छों से भिड़ते देख दर्शक स्तब्ध रह गए थे वे असली नहीं बल्कि आर्टिफिशियल मगरमच्छ थे। पर्यावरण प्रेमियों ने इसके केमिकल की वजह से नदी के पॉल्यूटेड होने का आरोप लगाया था।

फिल्म की लोकेशन को लेकर भी आशुतोष ने कई जगह विजिट किया तब कहीं जाकर स्क्रीन पर प्राचीन समय को दिखा पाने में कामयाब हुए। आशुतोष अपनी इस फिल्म को भव्य के साथ-साथ नेचुरल भी बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने लोकेशन सर्च करने में बहुत मेहनत की। भेड़ाघाट की वादियां आशुतोष को अपनी फिल्म के लिए सटीक लगी और जब इस जगह को देखा को बेसाख्ता उनके मुंह से निकला था- अद्भुत। आशुतोष ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि कई जगह गया लेकिन कोई जगह सिंघु घाटी की सभ्यता दिखाने के लिए ठीक नहीं लग रही थी। हमारी तलाश मध्यप्रदेश के जबलपुर के भेड़ाघाट पर आकर पूरी हुई। करीब 4 हजार साल प्राचीन सभ्यता को फिल्मी पर्दे पर दिखाने की खोज हमारी यही आकर खत्म हुई थी।

आशुतोष गोवारिकर ने ‘मोहेंजो दारो’ फिल्म की कहानी से न्याय करने के लिए काफी रिसर्च किया था। फिल्म के सभी कैरेक्टर और सीन को दर्शक प्राचीन सिंधु सभ्यता से जोड़ सके इसके लिए करीब 3 साल तक रिसर्च करते रहें। आशुतोष ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया था कि ‘फिल्म के लिए 3 साल चले लंबे रिसर्च के दौरान सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई और स्टडी में शामिल रहे 7 आर्कियोलॉजिस्ट से मुलाकात की थी। फिल्म के सेट और लाइफस्टाइल को ठीक से फिल्माने के लिए प्रोफेसर जोनाथन मार्क केनोयर को बुलाया था जो हड़प्पा सिविलाइजेशन के एक्सपर्ट थे।

 

 

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