Thursday, November 21, 2024
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Rajesh Khanna: राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने जब कुबूल किया था कि वो खुद को भगवान समझने लगे थे

Rajesh Khanna:बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का रुतबा ही अलग था। उन्होंने अपनी मेहनत और बलबूते पर इंडस्ट्री में खास मुकाम हासिल किया। उनका जादू दर्शकों के सिर पर चढ़कर बोलता था। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के लिए लोग कहते थे ऊपर आका तो नीचे काका। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के घर के बाहर उनके चाहने वालों से लेकर निर्माता-निर्देशक लाइन लगाकर खड़े रहते थे। यही वजह थी कि उनमें अहंकार आने लगा था जब राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने खुद कुबूल किया था कि वो खुद को भगवान समझने लगे थे।

Rajesh Khanna:बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का रुतबा ही अलग था। उन्होंने अपनी मेहनत और बलबूते पर इंडस्ट्री में खास मुकाम हासिल किया। उनका जादू दर्शकों के सिर पर चढ़कर बोलता था। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के लिए लोग कहते थे ऊपर आका तो नीचे काका। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के घर के बाहर उनके चाहने वालों से लेकर निर्माता-निर्देशक लाइन लगाकर खड़े रहते थे। यही वजह थी कि उनमें अहंकार आने लगा था जब राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने खुद कुबूल किया था कि वो खुद को भगवान समझने लगे थे।

उस दौर में राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के पास फिल्मों की लाइन लगी हुई थी। फिल्म डॉयेक्टर और प्रोड्यूसर जानते थे कि जिस फिल्म में राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) होंगे वो फिल्म हिट होना तय है। राजेश की सफलता चरम पर थी तो  वो धीरे-धीरे उनकी मनमानी करने लगे। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने उस दौर की कई फिल्मों को ठुकरा दिया था। राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) की इन्हीं आदतों की वजह से मनमोहन देसाई, ऋषिकेश मुखर्जी और शक्ति सामंत जैसे कई बड़े फिल्म डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्मों में लेना छोड़ने लगे थे। इस तरह एक दिन ऐसा आया कि उनका स्टारडम छिन गया।

राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं अपने आप को भगवान के बराबर समझने लगा था। मुझे अब भी वो पल याद है जब मुझे अंदाजा हुआ कि जबरदस्त सफलता आपको किस तरह हिला कर रख देती है। अगर आप पर इसका असर नहीं होता तो आप इंसान नहीं हैं। फिल्म अंदाज के सक्सेस के बाद बैंगलोर में विधानसभा में लॉटरी ड्रा हुआ था। दूर-दूर तक मुझे बस लोगों के सिर नजर आ रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि वो रोमन साम्राज्य का कोई स्टेडियम है। वो मंजर देखकर मैं बच्चों की तरह रो पड़ा था फिर मुझे नाकामी की ठोकर लगी तो मैंने शराब का सहारा ले लिया।

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