Priya Rajvansh : प्रिया राजवंश (Priya Rajvansh) हिंदी सिनेमा में 50-60 के दशक की मशहूर अभिनेत्री रहीं। उन्हें सबसे बड़ी उपलब्धि फिल्म हीर रांझा से मिली थी। हीर रांझा उनके करियर की सबसे हिट फिल्म रही। इस फिल्म में राजकुमार के साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया गया था। सिल्वर स्क्रीन पर जलवा बिखेरने वाली प्रिया राजवंश (Priya Rajvansh) की असल जिदंगी काफी दर्दनाक रही।
प्रिया राजवंश (Priya Rajvansh) का जन्म हिमाचल प्रदेश में हुआ। प्रिया का असली नाम वेरा सुंदर सिंह था। 22 साल की उम्र में प्रिया ने किसी नाटक के लिए फोटोशूट करवाया था। ये फोटोज किसी तरह देव आनंद के भाई और निर्देशक चेतन आनंद के पास पहुंची। चेतन आनंद अपनी फिल्म हकीकत के लिए एक नए चेहरे की तलाश कर रहे थे। फोटो देखते ही वह प्रिया की खूबसूरती से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्हें लगा उनकी फिल्म की एक्ट्रेस मिल गई। साल 1964 में हकीकत फिल्म के जरिए प्रिया ने अपने सिने करियर की शुरुआत की।
हकीकत बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही। फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रिया और चेतन आनंद की बीच नजदीकियां बढ़ने लगी थी। प्रिया और चेतन एक दूसरे को पसंद कर लगे। लेकिन चेतन पहले से ही शादी शुदा थे और उनके बच्चे थे। लेकिन चेतन और उनकी पत्नी के बीच रिश्ते ठीक नहीं थे। दोनों पहले से ही अलग रहे थे और उनके दोनों बेटे अपनी मां के साथ रहते थे। 70 के दशक में प्रिया और चेतन लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे। उस दौर में लिव इन रिलेशनशिप में रहना आम बात नहीं थी।
दोनों अक्सर पार्टियों और अन्य कार्यक्रम में जाते थे जिसकी वजह से इंडस्ट्री के लोग उन्हें पति-पत्नी की तरह देखने लगे थे। 25-27 साल तक दोनों एक साथ रिलेशनशिप में रहे। चेतन प्रिया को बहुत चाहते थे कि उन्होंने खासकर प्रिया के लिए मुंबई के जुहू में एक शानदार बंगला खरीदा। दोनों की जिंदगी खुशहाल बीत रही थी।
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लेकिन प्रिया की लाइफ में ट्विस्ट साल 1997 में चेतन की मौत के बाद आया। चेतन के जाने के बाद जब वसीयत के कागजात पढ़े गए तब पता चला कि फिल्ममेकर ने अपनी सारी संपत्ति प्रिया राजवंश को दे दी थी। चेतन के दोनों बेटे वसीयत में प्रिया की भागीदारी से नाराज हुए। इस बात को लेकर घर में बहुत झगड़ा भी हुआ। उन्हें लगता था कि प्रिया उनके परिवार का हिस्सा नहीं है ऐसे में वसीयत में उन्हें हिस्सा नहीं देना चाहिए था।
चेतन के दोनों बेटे अपने पिता के साथ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर फिल्म में काम किया करते थे और प्रिया से बेहद चिढ़ते थे। कहा जाता है कि यही बात प्रिया के गले की फांस बन गई थी और इसी के चलते उनकी ह्त्या तक हो गई थी।