आज हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा के महान गायक मोहम्मद रफी के बारें में। जब भी महान गायकों की बात होती है, तो उसमें रफी जी का जिक्र ना हो भला ऐसा भी हो सकता है क्या ? उनकी सुरीली आवाज का जादू एक लंबे दशक तक लोगों के ऊपर चला। आज भी लोग मोहम्मद रफी के गानों को बहुत पसंद करते हैं।
मात्र 13 साल की छोटी सी उम्र से ही मोहम्मद रफी ने अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने उस वक्त मशहूर गायक एल सहगल के साथ परफॉर्म किया था। यहीं से शुरु हुआ था मोहम्मद रफी का करियर। उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाये। उस वक्त रफी हिंदी सिनेमा जगत के नंबर वन गायक बन गये थे। उन्होंने 20-25 हजार गाने गाये लेकिन 7 हजार से ज्यादा गानों को रिकॉर्ड नहीं मिलता है।
देश ही क्या विदेशों में भी लोग मोहम्मद रफी की आवाज के दीवाने थे। माइकल गोंडरी ने फिल्म ‘गैम्बलर’ से मोहम्मद रफी का गाना ‘मेरा मन तेरा प्यासा’ को अपनी फिल्म ‘इटरनल सनशाइन ऑफ़ द स्पॉटलेस माइंड’ में इस्तेमाल करने का निवेदन किया था तो मोहम्मद रफी ने इंकार नहीं जताया और उन्हें हां कह दिया।
मोहम्मद रफी अपने परिवार का भी बहुत ख्याल रखते थे। अपने बच्चों के वो बहुत फेवरेट थे। इतने बिजी शेड्यूल में से भी वो अपने बच्चों के लिये वक्त निकाल लेते थे। उनकी पत्नी बिलकिस रफी ने एक बार इंटरव्यू में बताया था कि “बच्चों को अपने अब्बा से बस इतनी शिकायत थी कि वे उन्हें अपने साथ रिकॉर्डिंग्स, फंक्शन या फिल्मों की शूटिंग पर नहीं ले जाया करते थे। बच्चों को अपने अब्बा के साथ फिल्में देखना पसंद नहीं था, क्योंकि जब वे फिल्म देखने जाते थे, तो फिल्म शुरू हो चुकी होती थी और फिल्म खत्म होने से पहले ही वहां से निकल आते थे। बच्चों को हमेशा यही शिकायत रहती थी कि उन्हें पता ही नहीं चलता था कि फिल्म कहां से शुरू हुई और कहां खत्म हो गई!”
दरअसल, मोहम्मद रफी को पब्लिसिटी बिल्कुल पसंद नहीं था। वो खुद को मीडिया से दूर ही रखते थे।