मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस राधिका आप्टे हमेशा सुर्ख़ियों में बनी रहती है। खासकर उनके काम को लेकर वो हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती है। अब एक बार फिर एक्ट्रेस राधिका आप्टे विवादों में बनी हुई है। एक्ट्रेस राधिका आप्टे लगातार नेटिजंस के निशाने पर बनी हुई हैं। अपनी फिल्म ‘पार्च्ड’ की एक पुरानी फोटो की वजह से विवादों में आ गई हैं और उन्हें बॉयकॉट करने की मांग की है। एक्ट्रेस को इंटीमेट सीन में देखने के बाद नेटिजंस इसे पचा नहीं पाए और सोशल मीडिया पर ‘बॉयकॉट राधिका आप्टे’ ट्रेंड होने लगा। अब राधिका आप्टे पर लोगों की भड़ास देखने के बाद आदिल हुसैन अपने पार्च्ड को-स्टार के समर्थन में सामने आ गए हैं।
आपको बता दें कि एक इंटरव्यू में यह राधिका आप्टे ने कहा था कि ये करना बिलकुल आसान नहीं था, क्योंकि मैं उस समय अपने शरीर की छवि के मुद्दों से जूझ रही थी। इसलिए, स्क्रीन पर न्यूड होना थोड़ा डराने वाला था। मुझे अपने शरीर के आकार और आकार पर गर्व है। मुझे वास्तव में इस तरह की भूमिका की आवश्यकता थी क्योंकि जब आप बॉलीवुड में होते हैं तो आपको लगातार बताया जाता है कि आपके शरीर के साथ क्या करना है और मैंने हमेशा कहा है कि मैं अपने शरीर या चेहरे के लिए कभी कुछ नहीं करूंगी।
नेटिजंस अजय देवगन की फिल्म ‘पार्च्ड’ में आदिल हुसैन के साथ उसके प्रेम-प्रसंग दृश्यों की ओर इशारा करते हुए एक्ट्रेस को ‘भारतीय संस्कृति के खिलाफ’ काम करने के लिए कहा था। फिल्म ‘पार्च्ड’ लीना यादव ने निर्देशित की है, जिसकी कहानी गुजरात के एक गांव की चार महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। यह फिल्म बाल विवाह, दहेज प्रथा, मैरिटल रेप जैसी सामाजिक बुराइयों के बारे में बात करती है। फिल्म में आप्टे के अलावा तनिष्ठा चटर्जी, सुरवीन चावला, आदिल हुसैन समेत कई कलाकारों ने काम किया है।
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में आदिल ने सोशल मीडिया पर एक्ट्रेस को बॉयकॉट करने को ‘बिल्कुल हास्यास्पद’ बताया। इस बातचीत में उन्होंने कहा कि ये मुझे कुछ दिन पहले तब पता चला जब मैंने गुगल अलर्ट देखा। मुझे लगता है कि राधिका को ट्रोल करना या उस सीन के बारे में बड़ी बात करना हास्यास्पद है। मैं ऐसी बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता। मुझे लगता है कि इसका जवाब देने का एकमात्र तरीका यह है कि आप बिल्कुल भी जवाब न दें। एक्टर ने आगे कहा कि उनके और राधिका के बीच के सीन को लेकर ट्रोल करने वाले लोग कला और पोर्न के बीच के अंतर को नहीं समझते हैं। कला पर अभी भी सवाल उठाया जाता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इन लोगों को ‘जीवन के स्कूल, कला के स्कूल में जाना चाहिए।’