मुंबई। एक्ट्रेस गीता बसरा ने जुलाई महीने की शुरुआत में ही इस दुनिया में अपने दूसरे बच्चे का स्वागत किया। अब गीता बसरा ने खुलासा किया है कि पिछले दो साल उनके कैसे गुजरे है और उन्होंने कितनी परेशानियों का सामना किया। गीता बसरा और हरभजन सिंह आखिरकार दूसरे बच्चे के पेरेंट्स बन चुके हैं। बेटे का नाम जोवन वीर सिंह है। गीता अपने बेटे को इंद्रधनुष बेबी मानती हैं। जो कि गर्भपात, शिशु हानि, मृत जन्म के साथ आया है। ठीक वैसे ही जैसे इंद्रधनुष तूफान के बाद, अंधेरे और अशांत समय के बाद आकाश में दिखाई देता है। आपको बता दें, हरभजन और गीता ने लंबे समय तक एक दूसरे को डेट करने के बाद 29 अक्टूबर 2015 को शादी की थी। कपल की पहले से ही एक बेटी है, जिनका नाम हिनाया है। दोनों ने 10 जुलाई को एक बच्चे का स्वागत किया। गीता आजकल अपने बेटे की देखभाल में बिजी हैं, लेकिन रिपोर्ट की माने को गीता के लिए दोबारा मां बनना आसान नहीं था। उन्होंने हाल ही में अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में खुलकर बात की है।
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गीता बसरा ने ईटाइम्स से बात करते हुए खुलासा किया कि उनके दूसरे बच्चे का जन्म दो बार मिसकैरिज के बाद हुआ है। पहला मिसकैरिज 2019 में हुआ और दूसरा 2020 में. दोनों बार हरभजन उनके साथ थे। इस बारे में बात करते हुए उन्हेंने कहा, “चाहे यह कितनी भी जल्दी हो, पहले ट्राइमेस्टर में हो जाए तो मां को दूसरों से ज्यादा दुख होता है। क्योंकि मां ही होती है जो अपने बच्चे के साथ जुड़ी होती है। हरभजन सिंह ने इस मुश्किल वक्त में गीता को सपोर्ट किया। हरभजन ने उनसे कहा कि वह काम न करें और जब भी ईश्वर ने बच्चे के लिए योजना बनाई होगी, उन्हें आशीर्वाद देंगे। ऐसा ही हुआ जब कुछ वक्त के बाद गीता बसरा को अपने ससुराल में एहसास हुआ कि वो चौथी बार गर्भवती है, तो उन्होंने कोई चांस नहीं लिया। ‘मैंने पहली तिमाही में पूरी तरह से आराम करने का फैसला किया। मैंने बस अपने विटामिन लिए और पहले तीन महीनों के खत्म होने का इंतजार किया। उसके बाद, हम मुंबई आए और थोड़ी दिनों बाद, मैंने योगा करना शुरू कर दिया। इससे मुझे मदद मिली। आखिरी तिमाही में मैंने काम किया और मुझे फीलिंग रही कि इस बार सब ठीक हो जाएगा।’
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गीता ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि पिछले दो साल मेरे लिए दर्दनाक रहे हैं, लेकिन मैंने खुद को टूटने से बचाया। गर्भपात के बाद महिला के हार्मोन लेवल में बड़े बदलाव आते हैं, जिससे उन्हें अपने आप को संभालने में परेशानी होती है। मैंने खुद को संभाला और कभी कमजोर नहीं पड़ी। गीता ने कहा कि आज मैं बात करना चाहती हूं। मैं उन महिलाओं को बताना चाहती हूं जिनका गर्भपात हो चुका है और जिन्होंने उम्मीद खो दी है, उन्हें हार नहीं माननी चाहिए और चुप रहकर अपना दर्द नहीं छुपाना चाहिए। हां, गर्भपात का आप पर भयानक प्रभाव पड़ सकता है जिससे आपको बाहर आने में काफी समय लग सकता है। मेरे कुछ दोस्तों का गर्भपात हो चुका है। लेकिन हमे इन्हें पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए।