Wednesday, April 9, 2025
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Dilip Kumar: गोलगप्पों का दाम देख जब घबरा गए थे दिलीप कुमार (Dilip Kumar)

Dilip Kumar:हिंदी सिनेमा जगत के ट्रेजडी किंग दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के आज भी लोग दीवाने हैं। दर्शक ही क्या बॉलीवुड सेलेब्स भी उनके फैन हैं। दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने हिंदी सिनेमा जगत को कई लाजवाब फिल्में दी। लेकिन क्या आप जानते हैं सिनेमा जगत के ट्रेजडी किंग खाने के बहुत शौकीन थे। आज हम आपको वो किस्सा बताने जा रहे हैं जब गोलगप्पों का दाम देखकर दिलीप कुमार (Dilip Kumar) घबरा गए थे।

Dilip Kumar:हिंदी सिनेमा जगत के ट्रेजडी किंग दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के आज भी लोग दीवाने हैं। दर्शक ही क्या बॉलीवुड सेलेब्स भी उनके फैन हैं। दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने हिंदी सिनेमा जगत को कई लाजवाब फिल्में दी। लेकिन क्या आप जानते हैं सिनेमा जगत के ट्रेजडी किंग खाने के बहुत शौकीन थे। आज हम आपको वो किस्सा बताने जा रहे हैं जब गोलगप्पों का दाम देखकर दिलीप कुमार (Dilip Kumar) घबरा गए थे।

दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की पहली पुण्यतिथि पर फैसल फारूकी ने एक किताब लॉन्च की है, जिसका टाइटल है ‘दिलीप कुमार: इन द शैडो ऑफ ए लीजेंड’। इस किताब में दिलीप कुमार की जिंदगी से जुड़े कई अनसुने किस्सों का जिक्र किया गया है। जैसे कि किताबों के लिए दिलीप साहब का प्रेम,साहित्य और कविता के लिए उनका प्यार, वे भारत के राष्ट्रपति बनने के करीब कैसे आए, खाने के लिए उनका प्यार और बहुत कुछ।

फैसल फारूकी ने किताब में एक जिक्र किया है कि दिलीप साहब और मैं कई बार ड्राइव पर जाते थे और लोकर स्ट्रीट फूड जैसे मिठाई या चटपटी पानी पूरी का लुत्फ उठाते थे। वो मुझे अपनी मरून मर्सडीज में पिक करते थे और हम कराची मिठाई जाया करते थे, जो बांद्रा के हिल रोड पर स्थित है। हम जाते थे और दुकान के पास गाड़ी लगा देते थे। दुकानदार गाड़ी देखते ही अपनी दुकान के सबसे अच्छे कर्मचारी के हाथ पानी पूरी भेजा करता था। दिलीप साहब कभी अपनी कार से नहीं निकलते थे। वो जानते थे कि अगर वो बाहर निकले तो उनके फैंस की भीड़ लग जाएगी।

साल 2004 का किस्सा है जब गर्मियों के मौसम में एक खूबसूरत शाम को साहब ने कहा कि चलो समुद्र के पास चलकर पानी पूरी खाते हैं। हम गए लेकिन वहां भीड़ लग गई, जिसपर साहब ने कहा देखो ये मेरा दोस्त है और इसे भूख लगी है, प्लीज हमें खाने दो। ये सुनकर लोगों ने उनकी बात का सम्मान किया और हमें चैन से खाने दिया। हमने दो प्लेट पानी पूरी मंगाई और खाने के बाद साहब ने बिल मांगा। दुकान वाले ने कहा कि आप यहां आए ये हमारा सोभाग्य है, लेकिन दिलीप साहब मानने वाले नहीं थे इसलिए मैंने मैनेजर से कहा कि बिल दे दो। लेकिन जब बिल आया और मैं देने लगा तो दिलीप साहब ने कहा कि मैं बड़ा हूं बिल मैं दूंगा। जैसे ही दिलीप साहब ने बिल देखा वो हैरान रह गए। एक प्लेट पानी पूरी का बिल 250 रुपये था। ये देख साहब ने मेरी तरफ देखा और कहा पानी पूरी की कीमत 500 रुपये?

 

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