दुनिया को अलविदा कहने वाले दिलीप कुमार के फिल्मी करियर से जुड़े कई किस्से बेहद चर्चा में रहे। चाहे वो उनकी फिल्म से जुड़ी हो या पर्सनल लाइफ से। लेकिन एक किस्सा ऐसा भी है जो फिल्मी दुनिया से बिल्कुल अलग है। एक ऐसा किस्सा जिसने पूर्व भारतीय क्रिकेटर यशपाल शर्मा की जिंदगी बदल दी थी। जिसके बाद यशपाल शर्मा को भारतीय टीम में जगह मिली थी।
एक टीवी इंटरव्यू में यशपाल शर्मा ने बताया था कि दिलीप कुमार ने ही उनके क्रिकेट करियर को दिशा दी थी और वह भारतीय टीम तक पहुंच पाए थे। दिलीप कुमार को अपना पसंदीदा एक्टर बताते हुए यशपाल शर्मा ने कहा कि वो दिलीप कुमार को हमेशा यूसुफ भाई कहते थे। मेरी क्रिकेट में जिन्दगी बनाने वाले वही हैं। उन्होंने मुझे रणजी ट्राफी से बीसीसीआई तक पहुंचाया। यशपाल शर्मा ने अपने दिए इंटरव्यू में कहा था कि मेरा एक रणजी ट्रॉफी मैच में खेलते देख दिलीप कुमार ने मेरे लिए बीसीसीआई से बात करते हुए कहा था कि पंजाब का लड़का आया है। उसे आप देखिए, उसमें वो कला है और वो अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेल सकता है। मेरा एक मैच देखकर बीसीसीआई को बताना और जहां से मेरे लिए अंतराष्ट्रीय रास्ता खुलना। इसमें सबसे बड़ा योगदान दिलीप कुमार का था।
बता दे कि भारत के पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा ने मंगलवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। यशपाल को 13 जुलाई को दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उनका निधन हो गया।यशपाल 1983 में पहला वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे।यशपाल शर्मा ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ सियालकोट में खेले गए वनडे मुकाबले से की थी। इसके बाद उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाला लॉर्ड्स के मैदान पर 1979 में खेला।
यशपाल ने भारत के लिए वनडे का पहला विश्व कप जीतने वाली टीम के हीरो रहे थे। क्योंकि उन्होंने ओपनिंग मैच में 89 रन की शानदार पारी खेली थी।जिससे भारतीय टीम को वेस्ट इंडीज को हराने में मदद मिली थी। वहीं सेमीफाइनल में 61 रन बनाकर वो भारतीय टीम के टॉप स्कोरर रहे थे। उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। बॉब विलिस की यॉर्कर जैसे गेंद पर लेग साइड में जमाया उनका छक्का आज भी क्रिकेट इतिहास के यादगार शॉट्स में गिना जाता है।