बधाई दो : राजकुमार राव (Rajukumar Rao) और भूमि पेडनकर (Bhumi Pednekar) स्टारर फिल्म बधाई दो (Badhaai Do) इस शुक्रवार को बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो चुकी है। 11 फरवरी को रिलीज हुई फिल्म बधाई दो (Badhaai Do) ने ओपनिंग डे पर ठीक-ठाक ही शुरुआत की। लेकिन अब फिल्म धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ती जा रही है। फिल्म के कलेक्शन में बढ़ोतरी हो रही है।
#BadhaaiDo jumps on Day 2, which is a positive sign… Witnesses +64.85% growth… #Mumbai, #Delhi, #NCR continue to lead… Biz should grow further today [Day 3]… #ValentinesDay [Mon, Day 4] should also benefit… Fri 1.65 cr, Sat 2.72 cr. Total: ₹ 4.37 cr. #India biz. pic.twitter.com/yHbYrcWZzV
— taran adarsh (@taran_adarsh) February 13, 2022
मशहूर फिल्म समीक्षक तरुण आदर्श ने अनुसार, शुक्रवार को फिल्म ने 1.65 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था। शनिवार को फिल्म की कमाई में 60 से 70 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला। इस दिन बधाई दो (Badhaai Do) ने बॉक्स ऑफिस पर 2.72 करोड़ का कलेक्शन किया। अब तक कुल मिलाकर बधाई दो (Badhaai Do) ने 4.37 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया है। देश के महानगरों दिल्ली, एनसीआर और मुंबई से फिल्म को काफी अच्छा रिस्पान्स मिल रहा है।
#BadhaaiDo records low numbers on Day 1… Select multiplexes of #Mumbai, #Delhi, #NCR contribute maximum to the total… Numbers improved towards evening shows… Needs to gather pace on Day 2 and 3… Fri ₹ 1.65 cr. #India biz. pic.twitter.com/2Ef3Q64Y5m
— taran adarsh (@taran_adarsh) February 12, 2022
आइये जानते हैं क्या है फिल्म की कहानी
सुमि (भूमि पेडनेकर) और शार्दुल (राजकुमार राव) समलैंगिक हैं और उत्तराखंड के ऐसे परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, जहां वे अपने घर और समाज में अपनी सेक्शुएलिटी को उजागर नहीं कर सकते। सुमि एक पीटी टीचर है, जबकि शार्दुल पुलिस विभाग में काम करता है। सामाजिक रूप से कुंठित इन दोनों चरित्रों पर घरवालों की तरफ से शादी का घोर दबाव है और इसी दबाव के तहत ये आपस में एक समझौते वाली शादी के लिए राजी होते हैं।
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दो समलैंगिक एक इम्पर्फेक्ट शादी में इसलिए एंटर होते हैं कि उन्हें लगता है कि यह शादी सामाजिक तौर पर उनके लिए कवच का काम करेगी और वे इसकी आड़ में अपनी पसंद के पार्टनर के साथ अपनी जिंदगी का खूबसूरत हिस्सा बिता पाएंगे। इस अजस्टमेंट के लिए भी शार्दुल ही सुमि को तैयार करता है, मगर अजस्टमेंट की शादी वाला यह मामला उनके लिए अभिमन्यु के चक्रव्यूह की तरह साबित होता है, शादी के चक्रव्यूह को पार करने के बाद वे बच्चा पैदा करने के प्रेशर में फंसे नजर आते हैं। अपनी डुएल पर्सनैलिटी को समाज और परिवार से छिपाए रखने वाले मुश्किल हालात हंसाते भी हैं और जटिल भी होते हैं।