नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के उभरते सितारे थे। उनकी फिल्मों को दर्शक पसंद करते थे और उनकी सादगी के फैंस दीवाने थे। बड़े स्टार होने के बावजूद सुशांत सिंह राजपूत जमीन से जुड़े हुए थे। उनकी यही बात उन्हें लोगों का फेवरेट बनाती थी। आज के ही दिन यानी 14 जून 2020 को बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। जैसे ही ये खबर मीडिया में आई थी, लोग हैरान हो गए थे हर किसी के लिए यकीन कर पाना था कि सुशांत सिंह राजपूत अब इस दुनिया में नहीं रहे।
सुशांत सिंह एक बहुत बढ़िया और काबिल एक्टर थे। सुशांत सिंह राजपूत बिहार के पटना के रहने वाले थे। मुंबई आने के बाद भी वह अपने परिवार और अपने गांव से जुड़े थे। इतना ही नहीं वह अपनी मांगी एक मन्नत को पूरा करने वापस गांव भी गए थे। डायरेक्टर नितेश तिवारी की फिल्म छिछोरे की शूटिंग के दौरान सुशांत अपने गांव पहुंचे थे। उस समय उनकी कई तस्वीरें सामने आई थीं। सुशांत शूटिंग से समय निकालकर बिहार के खगड़िया जिले के बोरने गांव पहुंचे थे। उस समय सुशांत का गांव जाना काफी स्पेशल था क्योंकि वह करीब 17 साल बाद अपने पैतृक गांव गए थे।
सुशांत ने बड़े सपने देखे थे वो अपने फैंस से हमेशा ही जुड़े रहते थे। सोशल मीडिया पर सुशांत अक्सर ही फोटोस और वीडियो डालते रहते थे। वो अक्सर ही कहते थे कि कोई भी सपना छोटा नहीं होता और सपनों को पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती। वो एक्टिंग के साथ साथ और भी क्षेत्रों रूचि रखते थे। वो अंतरिक्ष, स्पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों में रूचि रखते थे। सुशांत को गाड़ियों का भी खासा शौक था और वह Lamborghini गाड़ी खरीदना चाहते थे। सुशांत सिंह राजपूत ने अपने कुछ सपनों को पूरा कर लिया था, पर बचे हुए सपने हमेशा के लिए अधूरे ही रह गए।
सुशांत का अचानक दुनिया को छोड़ जाना उनके सपनों और जिंदगी का अंत था, जिसे शायद ही कभी उनके चाहने वाले और परिवार भुला पाएगा। उन्होंने जिन फिल्मों में अपना किरदार निभाय लोग उनकी ताऱीफ आज भी करते हुए नहीं थकते। सुशांत ने गांव जाकर मुंडन संस्कार कराया था। लेकिन उन्होंने पूरे बाल कटवाने की जगह परंपरा को पूरा करने के लिए थोड़े बालों को ही कटवाया था। सुशांत मुंडन कराने खगड़िया जिले के बोरने स्थित भगवती मंदिर पहुंचे थे। ऐसा करने के पीछे सुशांत की मां की मांगी मन्नत थी कि बेटा ठीक रहेगा।
अच्छा काम करेगा तो यहां माता के मंदिर में मुंडन करवाएंगी। अपनी मां की इसी विश को पूरा करने के लिए सुशांत 17 साल बाद गांव गए थे। इस बारे में सुशांत सिंह राजपूत ने कहा भी था, “मुझे मां से भी प्यार है और देवी मां से भी, इसलिए सब छोड़ककर मन्नत पूरी करने 17 साल बाद आया हूं.” जाहिर है कि सुशांत अपनी मां के बेहद करीब थे। उनकी मां ने कम उम्र में उनका साथ छोड़ दिया था। ऐसे में सुशांत ने बताया था कि वह अकेला महसूस करते हैं।