90 के दशक में गोविंदा इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता रहे जिन्होंने कॉमेडी से लेकर अपने एक्शन, रोमांस सभी से दर्शकों का दिल जीत लिया। ऐसे तो गोविंदा ने बहुत सारे सुपरस्टार्स के साथ काम किया लेकिन सनी देओल के साथ उन्हें काम करने का कभी मौका नहीं मिला।
गोविंदा के लिये तब मुश्किल काफी बढ़ गई थी जब उन्होंने सनी देओल की मां हेमा मालिनी को एक फिल्म के नहीं ना बोल दिया था। साल 1990 में हेमा मालिनी आवरगी नाम की फिल्म डॉयरेक्ट कर रहीं थीं। हेमा मालिनी ने अपनी इस फिल्म के लिये गोविंदा को पसंद किया। बाद में फिल्म की कहानी में बदलाव हुआ इसके बाद एक नहीं बल्कि दो हीरो की फिल्म में जरुरत पड़ी।
इसके लिये हेमा को गोविंदा और अनिल कपूर बेस्ट एक्टर लगे। फिल्म में लीड एक्ट्रेस के तौर पर उन्होंने मीनाक्षी शेषाद्री को चुना। लेकिन जैसे ही गोविंदो को खबर लगी कि अनिल कपूर भी इस फिल्म में लीड रोल निभाने वाले हैं। उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। क्योंकि उस दौर में गोविंदा और अनिल कपूर दोनों ही फेमस एक्टर थे। ऐसे में ये स्टार्स एक दूसरे के कंपीटिटर थे। अनिल और मीनाक्षी तो फिल्म के लिये तैयार थे लेकिन गोविंदा ही आना-कानी करने लगे। वो बार-बार अपनी दूसरी फिल्मों की डेट्स का बहाना बनाने लगे।
अब हेमा मालिनी ने डिसाइड किया कि वो इस मैटर पर धर्मेंद्र से बात करेंगी। इसके बाद हेमा मालिनी ने धर्मेंद्र को पूरा मामला बताया उन्होंने कहा कि गोविंदा डेट्स नहीं दे रहे हैं हमारी शूट आगे भी नहीं बढ़ पा रही है और सारे कास्ट को वेट करना पड़ रहा है।
इसके बाद धरम जी ने गोविंदा को फोन किया और अपने घर पर बुलाया। गोविंदा धरम पाजी के कहने पर उनसे मिलने उनके घर गए और डेट्स नहीं देने का कारण उन्होंने बताया कि क्योंकि वो एक साथ काफी फिल्मों में काम कर रहे हैं इसीलिए वो डेट्स नहीं दे पा रहे हैं। धरम जी ने कहा कि कैसे भी करके तुम इस फिल्म की शूटिंग शुरु कर दो।
लेकिन फिर भी गोविंदा नहीं माने तो गुस्से में आकर धरम जी ने गोविंदा को एक थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद फिल्म की शूटिंग पूरी हुई। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म हिट भी हुई। लेकिन इसके बाद गोविंदा ने हेमा मालिनी के साथ फिर कभी नहीं किया।