Saturday, July 27, 2024
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प्रकाश मेहरा, जिनके कारण अमिताभ बच्चन बने महानायक

मुंबई : ये दास्तां है, हिंदी सिनेमा जगत के 70वें दशक की। एक दुबला-पतला, ऊंची लंबाई और भारी आवाज वाला युवक जो अपनी आंखों में ना जाने कितने सपने लिये बॉलीवुड इंडस्ट्री में अभिनेता बनने के लिये आया था। लेकिन ज्यादा हाईट और भारी आवाज होने के कारण उस युवक को अधिकांश निर्माता निर्देशकों ने अपनी फिल्मों में लेने से इंकार कर दिया। किसी तरह से शुरूआती दौर में जो 10 फिल्में भी मिली वो भी एक के बाद एक फिल्मी पर्दें पर बुरी तरह से फ्लॉप हो गई।

जी हां हम बाते करें रहे हैं करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करने वाले आज के महानायक अमिताभ बच्चन की। जिन्होंने अपने शुरूआती करियर में सात हिंदुस्तानी, परवाना, रेशमा, शेरा, प्यार की कहानी, बंसी-बिरजू, एक नजर, संजोग, रास्ते का पत्थर, गहरी चाल और बंधे हाथ जैसी सुपर फ्लॉप फिल्में दी थी। इसके बाद उन्हें शायद ही कोई निर्देशक और निर्माता अपनी फिल्मों में लेने की हिम्मत रख पाते। अमिताभ बच्चन हताश हो चुके थे। उनकी जिंदगी में संघर्ष कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था। ऐसे वक्त में उनकी जिंदगी में एक निर्देशक आये जिन्होंने अमिताभ बच्चन की किस्मत मानों बदल दी और उन्हें बॉलीवुड इंडस्ट्री का महानायक ही बना डाला।

इस निर्देशक का नाम है प्रकाश मेहरा। आज प्रकाश मेहरा जी का जन्मदिन है। आइये चर्चा करते हैं उस महान शख्स की जिन्होंने हिंदी सिनेमा जगत को महानायक के रूप में अमिताभ बच्चन जैसा अभिनेता दिया। प्रकाश मेहरा को हिंदी सिनेमा जगत के एक सफल निर्देशक के रूप में जाना जाता है। भारतीय सिनेमा जगत में कुछ ऐसे निर्देशक रहे जिन्होंने अपने दम से सिनेमा का कैनवास बदल डाला उनमें से एक प्रकाश मेहरा भी हैं। मेहरा हर कलाकार को अपने मन के मुताबिक काम करने की पूरी छूट देते थे। उनके द्वारा निर्मित अधिकांश फिल्में फिल्मी पर्दें पर धूम मचा दे देती थी।

ये बात उस दौर की है, जब राजेश खन्ना की अदाओं का हर कोई दीवाना था। उनकी स्टाइल, रोमांटिक अंदाज और अदाकारी पर फैंस जान लूटाते थे। साल 1973 में प्रकाश मेहरा के प्रोडेक्शन में बनने वाली जंजीर पहली फिल्म थी। अपनी इस फिल्म के लिये प्रकाश मेहरा को उस वक्त किसी मशहूर चेहरे की जरुरत थी। उन्होंने इसके लिये राजेश खन्ना से लेकर धर्मेंन्द्र, राजकुमार और देव आनंद जैसे जाने-माने सितारों से बातें की लेकिन सभी प्रकाश मेहरा के इस ऑफर को रिजेक्ट कर दिया।

ऐसे में इस फिल्म के राइटर सलीम-जावेद ने अमिताभ बच्चन का नाम प्रकाश के सामने रखा। प्रकाश मेहरा ने भी बॉम्बे टू गोवा फिल्म देखी थी जिसमें उनकी अमिताभ बच्चन की एक्टिंग भी पसंद आई थी। इसके बाद उन्होंने अमिताभ बच्चन को इस फिल्म को साइन कर लिया था। अमिताभ बच्चन को लेकर फिल्म बनाना प्रकाश मेहरा के लिये इतना आसान नहीं था। हीरो की तलाश पूरी होने के बाद प्रकाश मेहरा हीरोइन की तलाश में लगे, जो जया भादुड़ी के रुप में पूरी हो गई।

फिल्म बनने के बाद भी इसे कोई डिस्ट्रीब्यूटर लेने को तैयार नहीं हो रहा था। जब फिल्म रिलीज हुई तो शुरूआती में कोलकाता में इसका प्रदर्शन अच्छा रहा लेकिन मुंबई में शुरूआत के चार दिनों में फिल्म बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई। प्रकाश मेहरा को लगा कि फिल्म फ्लॉप हो गई है, वहीं दूसरी ओर अमिताभ बच्चन को भी चिंता की वजह से बुखार हो गया। लेकिन चार दिनों के बाद फिल्म हाउसफुल होने लगी, उस वक्त इस फिल्म के टिकट 100 रुपये में ब्लैक में बिकने लगे। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर-डुपर हिट रही।

अमिताभ बच्चन तो रातों-रात स्टार बन गये लेकिन उन्हें इस बात का यकीन नहीं हुआ उनका बुखार तो और अधिक बढ़ गया। यहीं से अमिताभ बच्चन बने फिल्मी दुनिया के एंग्री यंग मैन। इसके बाद उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ मिलकर मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस, शराबी, जादूगर जैसी कई फिल्में बनाई और इन्हीं फिल्मों के बदौलत वो लोगों के दिलों पर छा गयें।

बता दें कि प्रकाश मेहरा का जन्म 13 जुलाई, 1939 उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुआ था। जहां वो दिल्ली में अपने चाचा-चाची के साथ रहा करते थे। बचपन से ही वो उन्हीं फिल्मों में काम करने का सपना देखा करते थे। जिस वजह से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मुंबई जाने का फैसला लिया। मुंबई आने के बाद उन्होंने प्रोडक्शन कंट्रोलर की नौकरी पकड़ी और जुड़ गये। जिसके बाद उन्होंने निर्देशन में कदम रखा और दमदार फिल्में बनाई। 17 मई 2009 को प्रकाश मेहरा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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