Asha Parekh On Western Culture: हिंदी सिनेमा में 60-70 के दशक की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख (Asha Parekh) हाल ही में गोवा में आयोजित 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके जमाने में एक्ट्रेसस को कैसे शूट करना पड़ता था उन्हें किन हालातों से गुजरना पड़ता था।
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इंवेट में आशा पारेख (Asha Parekh) ने आज की दौर की वुमेन फैशन पर कहा कि सब कुछ बदल गया है जो फिल्में बन रही हैं। मुझे नहीं पता, हम इतने पाश्चात्य हैं। गाउन पहनने के वेडिंग पे आ रही हैं लड़कियां। अरे भैया, हमारी घाघरा चोली, सड़ियां और सलवार-कमीज है आप वो पहनो ना। तुम उन्हें क्यों नहीं पहनते? वे सिर्फ पर्दे पर अभिनेत्रियों को देखते हैं और उनकी नकल करना चाहते हैं। स्क्रीन पे देख के वो जो कपड़े पहनते हैं, उस तरह के कपड़े हम भी पहनेंगे…मोटे हो, या जो, हम वही लेंगे। ये वेस्टर्न हो रहा है मुझे दुख होता है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए आशा पारेख बोलीं कि हम वह सब क्यों नहीं पहनते हैं। वह हीरोइंस को स्क्रीन पर देखते हैं और उन्हें स्क्रीन पर देखकर वो जो कपड़े पहन रहे हैं, वैसे ही कपड़े पहनेंगे, मोटे हो या जो भी हो हम वही पहनेंगे।
आशा पारेख ने कहा, ये जो वेस्टर्न हो रहा है, मुझे वह देखकर दुःख होता है। हमारी इतनी अच्छी संस्कृति, नृत्य और संगीत है कि हम इसे पॉप संस्कृति में वापस ला सकते हैं। दिलीप कुमार के साथ फिल्म को लेकर आशा पारेख ने बताया कि चार पांच साल पहले, किसी मीडिया के जेंटलमैन ने लिखा मैं दिलीप कुमार के साथ इसलिए काम नहीं कर रहीं, क्योंकि मैं उन्हें पसंद नहीं करती। मैं उन्हें पसंद करती थी और हमेशा से उनके साथ काम करना चाहती थी। एक फिल्म थी ‘जबरदस्त’ जो मैंने उनके साथ साइन की थी। हम उस फिल्म में साथ काम करने वाले थे, लेकिन मैं अनलकी थी, क्योंकि वह फिल्म शेल्व हो गई।