Nanda : हिंदी सिनेमा जगत में नंदा अपने दौर की बेहद खूबसूरत एक्ट्रेसेस में से एक थीं। उन्होंने 5 साल की छोटी उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। उस दौरान वो लीड एक्टर की छोटी बहन का किरदार निभाया करती हैं। लेकिन बाद में उन्होंने अपनी इमेज बदली और फिल्मों में बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया। नंदा जिन्हें 50 साल की उम्र के बाद प्यार का इजहार किया लेकिन उनकी प्रेम कहानी हमेशा के लिए अधूरी रह गईं। एक दुर्घटना में उनके मंगेतर की मौत हो गई इसके बाद नंदा ताउम्र कुंवारी ही रहीं।
नंदा की सगाई फिल्म मेकर मनमोहन देसाई के साथ हुई थी। दरअसल, नंदा बहुत पहले से ही मनमोहन देसाई से प्यार करती थीं। छोटी बहन, धूल का फूल, काला बाजार, कानून, हम दोनों, जब जब फूल खिले, गुमनाम, इत्तेफाक जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं नंदा कैसे 80 के दशक में फिल्ममेकर मनमोहन देसाई के करीब आ गई थीं। देसाई भी उन्हें चाहते थे। लेकिन बेहद शर्मीली नंदा ने मनमोहन को कभी अपने प्यार का इजहार करने का मौका ही नहीं दिया और उन्होंने शादी कर ली।
मनमोहन की शादी के बाद नंदा तन्हाई और गुमनामी के अंधेरों में खो गईं। मनमोहन भी अपनी शादीशुदा जिंदगी में व्यस्त हो गए। लेकिन कुछ समय बाद ही उनकी पत्नी का निधन हो गया। इसके बाद मनमोहन ने फिर से नंदा के नाम मोहब्बत का पैगाम पहुंचाया। नंदा ने इसे कुबूल कर लिया। इसके बाद साल 1992 में दोनों ने सगाई कर ली।
लेकिन इसके दो साल बाद ही 1994 में मनमोहन देसाई की अपार्टमेंट की बालकनी से गिरने से अचानक मौत हो गई। नंदा को उनकी मौत से गहरा सदमा लगा और इसके बाद वह अकेली रह गईं। नंदा की आखिरी फिल्म थी प्रेम रोग। इसमें उन्होंने पदमिनी कोल्हापुरी की मां का किरदार निभाया था।
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कहा जाता है कि नंदा जब भी बाहर जाती थीं तो वो सफेद साड़ी में जाती थीं क्योंकि वो मन ही मन मनमोहन देसाई को अपना पति मानती थीं। उनके निधन के बाद से नंदा काफी अकेली हो गई थीं। उन्होंने ज्यादा किसी से बात करना भी बंद कर दिया था। उनकी खास दोस्तों में माला सिन्हा और वहीदा रहमान थीं। 10 सालों के बाद साल 2014 में नंदा की हार्ट अटैक से मौत हो गई।