शत्रुघ्न सिन्हा : महान गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन से पूरा देश शोक में है। उनका जाना संगीत जगत के लिये एक बहुत बड़ी अपूरणीय क्षति है। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) जो लता जी के बेहद करीबी रहे उन्होंने लता दीदी को याद करते हुए कुछ ऐसा कहा।
हाल ही में शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने लता दीदी के निधन पर गहरा अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि लता जी न सिर्फ प्रशंसा के योग्य थीं, बल्कि वो सचमुच पूज्यनीय थीं। उन्होंने अपने परिवार के लिए जो किया उससे प्रेरणा मिलती है। उन्होंने जो भी गाने गाए उसके लिए सम्मानित हुईं। उन्होंने तो अपने परिवार के लिए शादी तक का बलिदान दे दिया।
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शत्रुघ्न सिन्हा आगे बोले कि लताजी खास तौर पर धर्मेंद्र, राज कपूर, दिलीप कुमार और मेरे करीब थीं। हम एक-दूसरे से मिलने जाते थे और हमारी फोन पर 25-30 मिनट लंबी बातें होती थीं। जब भी हम उनके घर जाते थे तो वह न सिर्फ बेहतरीन होस्ट थीं, बल्कि वह खाना भी बहुत अच्छा पकाती थीं। उन्होंने खुद भी खाने का बड़ा शौक था।
अमिताभ बच्चन, सुभाष घई और अनिल धवन का स्ट्रगल के दिनों में एक छोटा ग्रुप थ। मेरे पास एक छोटी कार थी और जब भी हम एक-दूसरे के घर या उस कार में होते थे, हम लता जी की सफलता की कहानी के बारे में सोचते थे और उनसे मिलने के लिए तरसते थे। लता जी ने हमेशा सादगी भरा जीवन जिया। वह मुझसे कहती थीं कि वह मेरी फैन हैं। उन्हें मेरे डायलॉग बहुत पसंद थे । मैं क्रिकेट के खेल के लिए उनका प्यार कैसे भूल सकता हूं? वह सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर को बहुत पसंद करती थीं।
अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए शॉटगन ने कहा कि लता जी के साथ हमारा एक कभी न भूलने वाला किस्सा वो है जब मैंने मोहम्मद रफ़ी और उनके साथ ‘दोस्त’ फिल्म का गाना कैसे जीते हैं भला रिकॉर्ड किया था। उस गाने में मेरी भी कुछ लाइनें थीं। मुझे याद है कि वह अपने हिस्से का काम कर रही थीं और हाथ में बिस्किट लेकर चाय पी रही थीं। जबकि रफ़ी साहब और मुझे एकसाथ लगभग 7-8 टेक करने पड़े और शायद इसलिए कि मैंने ही कुछ गलतियां की होंगी। मैंने लता जी के लगभग सभी गीतों को रिकॉर्ड सहेजे हैं। वह जिस तरह से अपनी आवाज को यंग ऐक्टर्स के हिसाब से ढालती थीं, उससे मैं हमेशा दंग रहता था।
लता जी हमेशा उनके परिवार के संपर्क में थीं। वह कहते हैं, ‘मुझे याद है जब मेरे बेटे कुश की शादी हुई थी, उन्होंने न सिर्फ मेरी बहू के लिए, बल्कि मेरी पत्नी पूनम के लिए और मेरे लिए भी कपड़े भेजे थे। आज कितने लोग इन पुरानी परंपराओं का पालन करते हैं। उनकी बराबरी करने वाला आज के दौर में शायद कोई नहीं है।