Lata Mangeshkar:सुरों की मल्लिका स्वर कोकिला के नाम से मशहूर दिंवगत गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने इसी साल इस दुनिया को अलविदा कह दिया। भले ही आज वो इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन पूरी दुनिया में उन्हें याद किया जाता है। उनके द्वारा गाए गए गाने हमेशा के लिए अमर हैं। उनकी दमदार गायकी के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। आज हम आपको वो किस्सा बताने जा रहे हैं जब भारत रत्न पुरस्कार पाने के बाद भी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने जश्न नहीं मनाया था।
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लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन के बाद ‘नाम रह जाएगा’ नाम के कार्यक्रम के जरिए लेजेंड्री लता मंगेशकर जी को एक म्यूजिकल ट्रिब्यूट दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर और उषा मंगेशकर नजर आयेंगे। इस दौरान वो लता मंगेशकर से जुड़ी कई यादों के बारें में जिक्र करेंगे। हृदयनाथ मंगेशकर ने बताया कि लता दीदी हमेशा चाहती थीं कि मैं एक पुरस्कार जीतूं, वह उनका सपना था। जब उन्होंने भारत रत्न जीता तो उन्होंने इसे नहीं सेलिब्रेट किया, लेकिन जब मुझे पद्मश्री मिला तो उसने इसे एक उत्सव की तरह मनाया।
उषा मंगेशकर ने लता दीदी का किस्सा शेयर करते हुए बताया कि मीना ताई रिकॉर्डिंग के दौरान लता ताई के साथ रहती थीं। रिकॉर्डिंग के बाद लता ताई हमेशा मीना ताई से उनके विचार पूछतीं। वह गाने को आगे तभी जाने देती थीं, जब मीना ताई से इसे हरी झंडी मिलती थी। वह उन पर बहुत भरोसा करती थीं।
आपको बता दें कि लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को साल 1969 में पद्म भूषण से नवाजा गया था। इसके बाद साल 1972 में उन्होंने सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था और साल 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को साल 2001 में देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्करा भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
लता मंगेशकर की यादों में सिंगिग शो ‘नाम रह जाएगा’ स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहा है। 8 एपिसोड के इस कार्यक्रम में भारत के मशहूर 18 गायक एक साथ नजर आयें। अपने गानों के जरिए सभी लता दीदी को म्यूजिकल ट्रिब्यूट दिया जा रहा है। ये कार्यक्रम हर रविवार को शाम 7 बजे प्रसारित होता है।