Friday, April 19, 2024
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Nutan:जब खुद को बदसूरत लड़की समझने लगी थीं नूतन (Nutan)

Nutan:नूतन (Nutan) अपने जमाने की जानी-मानी अभिनेत्री थीं। नूतन (Nutan) ने 40 सालों तक फिल्मों में काम किया। नूतन (Nutan) ने अपने सिने करियर में 70 से अधिक फिल्मों में काम किया। नूतन (Nutan) का जन्म मशहूर अभिनेत्री शोभना और फिल्म डायरेक्टर कुमार सेन के घर 4 जून 1936 को मुंबई में हुआ था। नूतन (Nutan) ने स्विट्जरलैंड से पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1950 में 14 साल की छोटी में ही फिल्मों में अपने कदम रख लिए थे। एक वक्त ऐसा था जब नूतन (Nutan) खुद को बदसूरत लड़की समझने लगी थीं।

Nutan:नूतन (Nutan) अपने जमाने की जानी-मानी अभिनेत्री थीं। नूतन (Nutan) ने 40 सालों तक फिल्मों में काम किया। नूतन (Nutan) ने अपने सिने करियर में 70 से अधिक फिल्मों में काम किया। नूतन (Nutan) का जन्म मशहूर अभिनेत्री शोभना और फिल्म डायरेक्टर कुमार सेन के घर 4 जून 1936 को मुंबई में हुआ था। नूतन (Nutan) ने स्विट्जरलैंड से पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1950 में 14 साल की छोटी में ही फिल्मों में अपने कदम रख लिए थे। एक वक्त ऐसा था जब नूतन (Nutan) खुद को बदसूरत लड़की समझने लगी थीं।

बचपन में नूतन (Nutan) बहुत पतली थीं और उनका रंग सांवला था और वो लंबी थीं। उस दौर में सांवली और पतली लड़कियों को बदसूरत समझा जाता था। घर वाले भी नूतन (Nutan) को  सांवले रंग की होने की वजह से खूब ताने मारते थे। जिससे वह बहुत प्रभावित हुईं। बचपन से ही नूतन (Nutan) खुद को सबसे बदसूरत लड़की समझने लगीं और लोगों के सामने आने में असहस महसूस करती थीं।

नूतन (Nutan) का घटता वजन देखकर उनकी मां शोभना काफी चिंतित हो गई थीं। उन्होंने बेटी को पढ़ने के लिए स्विट्जरलैंड भेज दिया था। वहां जाकर नूतन ने अपना 22 किलो वजन बढ़ाया। भारत आ कर साल 1952 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। नूतन (Nutan) ने इसमें मिस मसूरी का खिताब जीता था। और फिर 1956 में 16 की उम्र में मिस इंडिया का ताज अपने नाम किया था।

नूतन (Nutan) ने अपने दौर के हर बड़े अभिनेता के साथ काम किया। उन्हें 5 बार नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उन्हें देश के प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। नूतन ने  ‘हमारी बेटी’ फिल्म से अपनी पहचान बनाई और जो रिश्तेदार ताने दिया करते थे वही अब फोन करके तारीफ कर रहे थे। नूतन (Nutan) ने खुद कहा- जो रिश्तेदार मुझे बदसूरत करते थे, उनकी सोच रातों-रात बदल गई थी। वो कहने लगे थे कि उन्हें मुझ पर गर्व है।

 

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