मुंबई : 70 से 80 के दशक में हिंदी सिनेमा में धर्मेंद्र ने अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। उनका अनोखा अंदाज दर्शकों को काफी पसंद था। धर्मेंद्र ने हिंदी सिनेमा जगत को एक से बढ़कर कई हिट फिल्में दी। लेकिन इंडस्ट्री में आने के लिये उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
फिल्मों में काम करने से पहले धर्मेंद्र अमेरिकन ड्रिलिंग कंपनी में काम करते थे। इस कंपनी के जरिये उन्हें अमेरिका जाने का भी ऑफर मिला था। लेकिन धर्मेंद्र तो पहले से ही फिल्मों के दीवाने थे। उनका सपना था कि वो मुंबई जाकर हीरो बने। अपने इस सपने के लिये धर्मेंद्र ने अमेरिका जाने के इस ऑफर को ठुकरा दिया और आ गये मायानगरी मुंबई में। यहीं से शुरु हुआ उनके संघर्ष का सफर।
धर्मेंद्र के छोटे बेटे बॉबी देओल ने एक इंटरव्यू में बताया कि मैंने पापा की पहली फिल्म दिल भी तुम्हारा हम भी तुम्हारे’ देखी थी। इस फिल्म में वह काफी कमजोर लग रहे थे। वह लंबे समय के संघर्षों के बाद फिल्मों में नजर आ रहे थे। दिनभर में बस एक बार खाना खाते थे और निर्माताओं को तस्वीरें दिखाने के लिए मीलों दूर पैदल जाते थे।
बॉबी ने आगे बताया कि पापा ने मुंबई आने के लिए सब कुछ छोड़ दिया था। जब वह मुंबई पहुंचे थे तो उनके पास रहने के लिए घर तक नहीं था। कुछ वक्त के लिए वह किसी की बालकनी में किरायेदार के रुप में रहते थे। खाने की कमी की वजह से उनका वजन काफी कम हो गया था। लेकिन इसके बाद भी वह अपनी सारी जमा-पूंजी घर भेज दिया करते थे। बॉबी ने कहा कि यह भले ही फिल्मी कहानी लग रही हो, लेकिन असल में यह सही दास्तां हैं।