Hema Malini : बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी (Hema Malini) ने एक लंबे वक्त तक हिंदी सिनेमा जगत पर राज किया। उनकी खूबसूरती से लेकर उनकी अदाकारी के लोग दीवाने हैं। बॉलीवुड से लेकर राजनीतिक तक का हेमा मालिनी (Hema Malini) का सफर काफी दिलचस्प रहा। लेकिन क्या आप जानते हैं हेमा मालिनी (Hema Malini) कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहती थीं। हेमा को राजनीति में आने की सलाह न तो उनके पति धर्मेंद्र ने दी थी और न ही परिवार के किसी और शख़्स ने कोई सुझाव दिया था। दरअसल, विनोद खन्ना (Vinod Khanna) के कहने पर हेमा मालिनी (Hema Malini) ने राजनीतिक में कदम रखा था।
इस बात का जिक्र खुद हेमा मालिनी (Hema Malini) ने किया था। साल 2017 में विनोद खन्ना (Vinod Khanna) का निधन हो गया था। इस दौरान हेमा मालिनी (Hema Malini) ने विनोद खन्ना को याद करते हुए कहा था कि वो हमेशा उनकी कर्जदार रहेंगी। साल 1998 में विनोद खन्ना को भारतीय जनता पार्टी की ओर से पंजाब की गुरदासपुर सीट से उतारा गया था। विनोद खन्ना ने एक साल पहले राजनीतिक ज्वाइन की। विनोद और हेमा मालिनी ने साथ बहुत सी फिल्मों में काम किया था। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। जैसे ही चुनाव का ऐलान हुआ तो विपक्षियों ने गुरदासपुर में ”बंबई का बाबू” कहते हुए विनोद खन्ना के खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया। इसी दौरान विनोद को हेमा मालिनी की याद आई।
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लेकिन हेमा मालिनी को राजनीति के बारें में कुछ समझ नहीं थी। हेमा ने बताया कि एक दिन विनोद खन्ना का फोन आया। उन्होंने कहा- मैं गुरदासपुर से चुनाव लड़ रहा हूं। मैं चाहता हूं तुम मेरा चुनाव प्रचार करो…। मैंने तुरंत मना कर दिया, क्योंकि मुझे सियासत के बारे में जरा भी जानकारी नहीं थी।
जब हेमा अपनी मां के पास पहुंची तो उन्होंने इस बात के बारें में उन्हें बताया। हेमा की मां ने कहा कि विनोद खन्ना बहुत अच्छे इंसान हैं और तुम्हारे अच्छे दोस्त भी हैं। तुम्हें उनकी बात माननी चाहिए। मां की बात सुनकर हेमा मालिनी ने विनोद खन्ना के लिए प्रचार किया। वहीं से हेमा मालिनी के राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई।